स्वतंत्रता दिवस पर वीर रस की कविता | Independence Day VIR RAS Poem in Hindi

तू जग की अवधूत गरिमा।तू नील कंठ, तू श्वेत पद्म,तू ही शक्ति, तू ही दिव्य स्वप्न। वीरों के शौर्य से जगमगाया,आजादी का सपना हम सबने पाया। कई चुनौतियों का सामना किया,संघर्षों में भारतीय जनता ने खुद को प्रमाणित किया।कर्मभूमि में खींच ली थी छाया,पर नेतृत्व से लहराया तुफान।भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु ने अपना बलिदान दिया, … Read more